Add To collaction

यादों के झरोखे से लेखनी कहानी मेरी डायरी-14-Nov-2022 भाग 16



         15  अप्रैल २०२२
          ***************

 बेटी का तीन दिन का अवकाश होने के कारण  15  अप्रैल को नैनीताल  घूमने का प्रोग्राम बनगया। और मै मेरी पत्नी बेटी व दमाद एवं उनकी दोनों बेटियौ के साथ  15 अप्रैल की सुबह छः बजे ही हम सभी नैनीताल की ओर रवाना होगये।।

       नैनीताल एक हिल स्टेशन होने की बजह से वहिँ ठन्ड से बचने हेतु मैने अपने साथ फुल बाजू की टी शर्ट व शर्ट  रखली थी। अब हम गुरुग्राम से दिल्ली पहुँच गये ।

      दिल्ली से मेरठ मुरादावाद व रामपुर पहुँच गये। रामपुर चाकू के लिए बहुत ही प्रसिद्ध है इसी तरह मुरादाबाद भी पीतल के बरातनों के लिए प्रसिद्ध है मुरादाबाद को पीतल नगरी भी कहा जाता है।

     रामपुर राजनीतिक मायनों में भी जाना जाता है। क्यौकि रामपुर से ही आजमखान व फिल्म अभिनेत्री जयाप्रदा चुनाव में आमने सामने थे। दोनों मे कितनी बहस हुई थी। बैसे भी रामपुर आजमखान का गढ़ माना जाता है।

      रामपुर से निकल कर हम नैनीताल की तरफ प्रस्थान करने लगे।  आगे हमने उत्तराखन्ड की देवभूमि पर पग रख दिया। अर्थात हम देवभूमि में प्रवेश  कर गये।

     जब हम  नैनीताल  से लगभग आठ किलोमीटर  की दूरी पर थे तब वहाँ पुलिस ने बैरियर  लगा रखा था वहाँ की पुलिस वहाँ से आगे गाडि़यौ को नहीं जाने देरही थी। वहाँ से वही गाडी़ जासकती थी जिनका होटल बुक था और उस होटल में पार्किग की ब्यबस्था है तब आप अपनी गाडी़ लेजा सकते है।

      हमने अपनी गाडी़ लेजाने की बहुत कोशिश की परन्तु वहाँ की पुलिस ने हमें आगे नहीं जाने दिया और हारकर हमने भी अपनी गाडी़ वही पार्किग करने का बिचार बना लिया।

      वहाँ पार्किग की ब्यबस्था भी ठीक नहीं थी। गाडि़यां सड़क पर ही पार्क कर रहे थे पार्किग के रेट भी बहुत अधिक थे। हमने भी अपनी गाडी़ एक जगह पार्क करदी।

 आगे का वर्णन अगले भाग में************

यादों के झरोखे से २०२२
नरेश शर्मा " पचौरी "

       

   18
4 Comments

Radhika

05-Mar-2023 08:22 PM

Nice

Reply

shweta soni

03-Mar-2023 10:15 PM

👌👌👌

Reply

Gunjan Kamal

06-Dec-2022 01:26 PM

शानदार

Reply